Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Subscribe Us

बोनस शेयर ( Bonus Share )

बोनस शेयर ( Bonus Share ) :


आमतौर पर कम्पनियाँ अपना सारा मुनाफा शेयरहोल्डरों में लाभांश के रूप में बाँटने की जगह उसका एक बड़ा भाग अपने संचित कोष , या ' रिजर्व ' में डाल देती हैं । इस रिजर्व का उपयोग भविष्य में अप्रत्याशित कठिनाइयों से निबटने के लिए तथा कारोबार की बढ़त के लिए किया जाता है । सभी मुनाफा बनाने वाली कम्पनियों धीरे - धीरे बड़े रिजर्व संचित कर लेती है । साथ ही ऐसी कम्पनियों के व्यापार ,बिक्री और सम्पत्ति में भी वृद्धि होती है । ऐसे में कई कम्पनियों पाती हैं कि उनकी पूँजी इस बदते व्यापार का बोझ उठाने में असक्षम हैं.
इस प्रकार कम पूँजी के आधार पर व्यापार बढाना कम्पनी के लिए नुकसानदायक हो । सकता है । अतः पूँजी बढ़ाने के लिए कम्पनियाँ अपने रिजर्व के बूते पर । अपने शेयरहोल्डरों को ' बोनस शेयर जारी करती हैं । शेयरहोल्डर के पास कम्पनी के जितने शेयर हों , उसी अनुपात में ये बोनस शेयर मुफ्त दिये जाते हैं ।
यह मूलतः कम्पनी के खातों का हिसाब है , जिसमें ' रिजर्व ' से पैसा निकालकर ' इक्विटी कैपिटल ' के खाते में दर्ज कर दिया जाता है । इस प्रकार बोनस शेयर जारी कर कम्पनी अपने स्वामित्व में और लोगों को शामिल किये बिना नयी पूँजी का उपयोग कर सकती है ।
बोनस शेयरों के मुफ्त जारी होने पर बाजार में कम्पनी के शेयरों । का भाव गिरना स्वाभाविक है । पर शेयरहोल्डर को भाव के गिरने से जितना नुक्सान होता है , नए बोनस शेयर मुफ्त मिलने से उससे कहीं अधिक लाभ होता है । इसे एक उदाहरण की सहायता से समझते हैं ।
मान लीजिए आपके पास क , ख , ग , लिमिटेड कम्पनी के 100 शेयर हैं , और कम्पनी 11 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करती है । इससे आपके पास बिना कुछ भी अतिरिक्त पैसा लगाए कम्पनी के 200 शेयर हो जाएँगे । अगर बोनस शेयर से पहले शेयर का भाव 50 रूपये चल रहा था , तो आपके पुराने 100 शेयरों का मूल्य 5 , 000 रूपये रहा होगा । अब अगर बोनस शेयर जारी करने पर शेयर का भाव 50 रूपये से 27 रूपये तक भी गिर गया , तो भी आपके 200 शेयरों का मूल्य 5 , 000 रूपये से अधिक ही होगा ।
दरअसल शेयरों के भाव आमतौर पर उस अनुपात में नहीं गिरते जिस में बोनस शेयर जारी किए जाते हैं । इस उदाहरण में बोनस शेयर जारी होने पर शेयरों का भाव संभवतः 27 रु प्रति शेयर तक गिर सकता है ।
शेयरहोल्डर को बोनस शेयरों से एक लाभ यह भी मिलता है कि अधिकतर कम्पनियाँ बोनस शेयर जारी करने के बाद भी पहले जितना ही लाभांश अदा करती हैं । जब तक कम्पनी को भविष्य में अच्छे लाभ का भरोसा न हो , वह बोनस शेयर जारी ही नहीं करेगी । अतः बोनस शेयर जारी होने से शेयर बाजार में कम्पनी को लेकर आशावादी परिवेश बन जाता है ।


अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते है और अपने विचार की प्रतिक्रया भी कमेंट में लिख सकते है,
पोस्ट पूरा पढने के लिए आपका धन्यवाद.

Bonus share

Bonus Shares are shares distributed by a company to its current shareholders as fully paid shares free of charge.

  • to capitalize a part of the company's retained earnings
  • for conversion of its share premium account
  • distribution of treasury shares.
A bonus issue is usually based upon the number of shares that shareholders already own. (For example, the bonus issue may be "n shares for each x shares held"; but with fractions of a share not permitted.) While the issue of bonus shares increases the total number of shares issued and owned, it does not change the value of the company. Although the total number of issued shares increases, the ratio of number of shares held by each shareholder remains constant. In this sense, a bonus issue is similar to a sto duckt.

A bonus issue, also known as a scrip issue or a capitalization issue, is an offer of free additional shares to existing shareholders. A company may decide to distribute further shares as an alternative to increasing the dividend payout. For example, a company may give one bonus share for every five shares held.

Meanings Of  Bonus Issue

Bonus issues are given to shareholders when companies are short of cash and shareholders expect a regular income. Shareholders may sell the bonus shares and meet their liquidity needs. Bonus shares may also be issued to restructure company reserves. Issuing bonus shares does not involve cash flow. It increases the company’s share capital but not its net assets.

Bonus shares are issued according to each shareholder’s stake in the company. For example, a three-for-two bonus issue entitles each shareholder three shares for every two they hold before the issue. A shareholder with 1,000 shares receives 1,500 bonus shares (1000 x 3 / 2 = 1500).

Bonus shares are not taxable. But the stockholder may have to pay capital gains tax, if she sells them.

Advantages and Disadvantages of Issuing Bonus Shares

Companies low on cash may issue bonus shares rather than cash dividends as a method of providing income to shareholders. Because issuing bonus shares increases the issued share capital of the company, the company is perceived as being bigger than it really is, making it more attractive to investors. In addition, increasing the number of outstanding shares decreases the stock price, making the stock more affordable for retail investors.

However, issuing bonus shares takes more money from the cash reserve than issuing dividends does. Also, because issuing bonus shares does not generate cash for the company, it could result in a decline in the dividends per share in the future, which shareholders may not view favorably. In addition, shareholders selling bonus shares to meet liquidity needs lowers shareholders' percentage stake in the company, giving them less control over how the company is managed.

Stock Splits and Bonus Shares

Stock splits and bonus shares have many similarities and differences. When a company declares a stock split, the number of shares increases, but the investment value remains the same. Companies typically declare a stock split as a method of infusing additional liquidity into shares, increasing the number of shares trading and making shares more affordable to retail investors.

When a stock is split, there is no increase or decrease in the company's cash reserves. In contrast, when a company issues bonus shares, the shares are paid for out of the cash reserves, and the reserves deplete.

Post a Comment

0 Comments