Stock Exchange ( स्टॉक एक्सचेंज ) :
इक्विटी और प्रेफरेन्स शेयर , डिबेन्चर ( Debenture ) और सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों के बांड ( Bond ) शामिल होते हैं । व्यावहारिक रूप से देखा जाए तो भारत में अब दो ही राष्ट - व्यापी स्टॉक एक्सचेंज हैं - बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ( बीएसई ) व नैशनल सटॉक एक्सचेंज ( एनएसई ).
अन्य बाजारों की तरह आप सीधे स्टॉक बाजार में जाकर शेयर खरीद या बेच नहीं सकते । स्टॉक एक्सचेंज के नियमों के अनुसार आपको अपना सारा कारोबार एक्सचेंज के अधिकृत दलालों के माध्यम से ही करना पड़ता है इन्हें स्टॉक ब्रोकर या शेयर ब्रोकर कहते हैं , और इनके पास स्टॉक एक्सचेंज की सदस्यता का लाईसेंस होता है ।
इसके लिए उन्हें दलाली ( Brokerage Commission ) मिलती है , जो के गर कारोबार के मूल्य का लगभग ढाई प्रतिशत होता है ।
हर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा अधिकृत अधिकतम दलाली की जानकारी के लिए आप उसकी वेबसाईट देख सकते हैं । इस पुस्तक के लिखने के समय अधिकतम ब्रोकरेज किए गए कारोबार के मूल्य का 25 %
भारतीय स्टक एक्सचेंजों पर केवल सूचीकृत , यानि लिस्टेड ( Lated प्रतिभूतियों का ही कारोबार होता है । एक्सचेंज में अपनी प्रतिभूतियों का कारोबार कराने के लिए कम्पनियों उन्हें सूधीकृत कराती हैं । पलक लिमिटेड कम्पनियों के लिए ऐसा करना कानूनन अनिवार्य नहीं है । सूचीकृत शेयरों को खरीदना और बेघना तो आसान होता है । है . साथ ही उनका कारोबार स्टॉक एक्सचेंज के नियमों से बंधा होने के । कारण उनमें निवेशकों का ज्यादा भरोसा रहता है.
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