Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Subscribe Us

Why would a company buy back its own shares?

शेयरों में बाय - बैक ' ( Buy-back ) :


शेयरों में ‘ बाय- बैक ' उस स्थिति को कहते हैं जब कम्पनी अपनी पूंजी से अपने ही शेयर वापस खरीदती है ।
इससे कम्पनी का इक्विटी कैपिटल कम हो जाता है , क्योंकि बाजार से वापस खरीदे गए शेयर खारिज हो जाते हैं । कम्पनी ऐक्ट के नियमों के अनुसार इन शेयरों को दोबारा जारी नहीं किया जा सकता । अतः कम्पनी का इक्विटी कैपिटल कम होने के साथ बाजार में उपलब्ध कम्पनी के शेयर भी कम हो जाते हैं । इससे प्रति शेयर आमदनी ( ई पी एस ) बढ़ जाती है , क्योंकि उतना ही शुद्ध लाभ अब पहले से कम इक्विटी कैपिटल पर विभाजित होता है । नतीजा यह कि बाजारों में कम्पनी के शेयर को बेहतर पी / ई मिलता है और शेयर का दाम बाय बैक से पहले के दाम से बहुत बढ़ जाता है ।

BSE/NSE Sensex, Nifty, Indian Stock/Share Market Live, News, Stock , share buyback, top stories, breaking news, latest news "

अक्सर बाय - बैक इस बात का संकेत होता है कि कम्पनी मानती है । कि बाजारों में उसके शेयर को अपने उचित मूल्य से कम भाव मिल रहा है । मैनेजमेन्ट द्वारा अपने शेयरों में इस प्रकार के विश्वास प्रदर्शन से भी शेयरों के भाव चढ़ जाते हैं ।
कई बार मैनेजमेन्ट अपनी कम्पनी में सार्वजनिक स्वामित्व कम करने के लिए भी शेयर वापस खरीदती है । यह स्टॉक एक्सचेंज से शेयर को डी - लिस्ट करने , यानि एक्सचेंज की सूची से शेयर को हटाने की दिशा में एक कदम है ।
किसी कम्पनी के शेयरों में बाय - बैक का दाम अक्सर बाजार में चालू भाव से अधिक , और कई बार बहुत अधिक होता है । इससे निवेशकों को प्रायः असाधारण लाभ होता है जो उन्हें साधारण स्थिति में न मिलता ।


अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते है और अपने विचार की प्रतिक्रया भी कमेंट में लिख सकते है,
पोस्ट पूरा पढने के लिए आपका धन्यवाद.

Post a Comment

0 Comments